जलालगढ़ किले का इतिहास

जलालगढ़ किला सबसे प्रसिद किलो में से एक माना जाता है यह किला बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित है जो केवल अपने इतिहास के करण ही नही बल्कि अपनी वास्तुकला के करण भी काफी प्रसिद है

इतना ही नही यह किला अपने चतुष्क कोनिए आकार का होने के  करण भी काफी प्रसिद माना जाता है

जलालगढ़ किला हिन्दू और मुस्लिम दोनों की वास्तुशिल्प का एक अनोखा किला है जिस का निर्माण 1722 इस्वी में किया गया था जलालगढ़ किले को सन 1999 में धरोवर के रूप में भी घोषित किया जा चूका है और अब ये एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल बन चुका है और यह किला 300 साल पुराना है

Jalalgarh Fort

जलालगढ़ किले का इतिहास (History of Jalalgarh Fort):-

जलालगढ़ किले के इतिहास की बात करें तो इतिहासकारों का ऐसा कहना है कि जलालगढ़ किले का निर्माण किशनजंग के राजा मोहम्मद जलालुद्दीन खान के द्वारा 1722 में किया गया था तथा मोहम्मद जलालुद्दीन खान ने इस किले का निर्माण नेपाल के आक्रमण से राज्य को बचाने के लिए किया था

इस किले के बारे में यह भी कहा जाता है कि इस किले का निर्माण 1722 में सैफ खान जो कि पुरनिया के नवाब थे उनके द्वारा करवाया गया था

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जलालगढ़ किले के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यह किला पहले एक दीप के रूप में नदी में मौजूद था इतना ही नहीं कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि जलालगढ किला वहां पर सन 1722 से पहले से ही मौजूद है

इस किले के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि इस किले का निर्माण वहां रहने वाले लोगों को लूट से बचाने के लिए किया गया था

उसके कुछ समय पश्चात यह किला मोहम्मद जलालुद्दीन ने अपने नियंत्रण में ले लिया क्योंकि वह नवाब सय्यद अहमद को राजस्व देना नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने किले को अपने कब्जे में ले लिया

जलालगढ़ किले की वास्तुकला (Architecture of Jalalgarh Fort):-

जलालगढ़ किला अपनी वास्तुकला के कारण काफी प्रसिद्ध माना जाता है  यह किला हिंदू और मुस्लिम दोनों की वास्तुकला के मिश्रण का एक अनोखा नमूना है इस करण इस किले को सन 1999 में विश्व धरोवर में भी शामिल किया जा चूका है

जलालगढ़ किला सबसे प्रसिद और विशाल किलो में से एक माना जाता है यह किला चारों ओर से विशाल दीवारों से घिरा हुआ है इस किले की दीवारें 4 मीटर ऊंची और दीवारों की मोटाई 2 मीटर है जब की बुर्ज की ऊंचाई 6 मीटर की है जिस पर अपने  राज्य को बचाने के लिए  छेद भी बने गये है जिस  से तोप के गोले फेके जाते थे

इस किले के निर्माण में चुना, पत्थर और ईटों का इस्तेमाल किया गया है जलालगढ़ किले को बनाने के लिए लकड़ियों का किसी भी तरह इस्तेमाल नहीं किया गया

इस किले का इस्तेमाल कुछ सालों से कम होने के कारण यह किला कुछ खराब सा हो चुका है लेकिन बिहार सरकार किले की मरम्मत करवा रही है और अब यह किला एक लोकप्रिय पर्यटक स्थल के रूप में बन चुका है जो की अब अपनी अनोखी वास्तुकला के कारण काफी प्रसिद्ध है और कई लोग इसे दूर दूर से भी देखने आते हैं

Jalalgarh Fort

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जलालगढ़ किले में घुमने का सही समय और खुलने का समय :-

घुमने का सही समय :-

अगर जलालगढ़ किला घूमने या बिहार जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में बिहार में गर्मी बहुत पड़ती है इसलिए आप सितम्बर  से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और देखने लायक होता है। और जलालगढ़ किले के चारो ओर हरियाली होती है जिसे किले का द्रश्य ओर भी खुबसूरत लगता है

खुलने का समय :-

जलालगढ़ किला वेसे तो 24 घंटे  खुला रहता है। आप कभी भी जा सकते है पर आप शाम के समय जाये क्यू की उस समय जलालगढ़ किले का नज़र देखने लायक होता है

जलालगढ़ किले तक पहुंचने का मेप :-

                     

सवाल जवाब (Question Answer) :-

  • जलालगढ़ किला कहां स्थित है?

बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित है

  • जलालगढ़ किले की स्थापना कब हुई?

ऐसा माना जाता है की जलालगढ़ किले की स्थापना 1722 इस्वी में हुई

  • जलालगढ़ किला कितना पुराना है?

     जलालगढ़ किला 300 साल पुराना है

  • जलालगढ़ किला क्यों फेमस है?

     जलालगढ़ किला अपनी अनुटी वास्तुशिल्प जो की हिन्दू और मुस्लिम वास्तु शैली के मिश्रण के करण बेहत फेमस है

  • जलालगढ़ किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?

जलालगढ़ किला 24 घंटे खुला रहता है

सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-

दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।

यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।

धन्यवाद

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