मंजराबाद किले का इतिहास और घूमने की संपूर्ण जानकारी और रहस्य

Manjarabad Fort
Manjarabad Fort

नमस्कार आपका हमारे Knowledge with ruchi.com blog मैं स्वागत है भारत अपने इतिहास और भूगोल के लिए दुनिया में प्रसिद्ध है भारत में बहुत से किले और महल बने हुए हैं जो कि अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं साथ ही कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक धरोहरे भी मौजूद है जिन्हें यूनेस्को और नेशनल वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।

आज हम ऐसे ही एक किले के बारे में जानेंगे जिसका नाम है “मंजराबाद किला

यदि आप ऐतिहासिक धरोहरों को देखने या उनके बारे में जानने के शौकीन है तो आर्टिकल को शुरू से अंत तक पूरा पढ़ें।

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मंजराबाद किले का इतिहास (Manjarabad Fort History in Hindi):-

Manjarabad Fort
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मंजराबाद किले का निर्माण टीपू सुल्तान ने एक रक्षात्मक स्थान के रूप में सन 1792 में करवाया था ऐसा कहा जाता है कि उस समय हैदराबाद और मराठा के शासकों ने ब्रिटिशो के साथ संबंध स्थापित कर लिया था

टीपू सुल्तान अपने साम्राज्य की सुरक्षा के लिए कुर्ग और मंगलौर के बीच एक हाईवे का निर्माण करवाना चाहते थे क्योंकि उस समय ब्रिटिशो के साथ सुल्तान का युद्ध चल रहा था और सुल्तान भी फ्रेंच शासको के साथ संबंध स्थापित कर चुके थे

और टीपू सुल्तान ने फ्रेंच के इंजिनियर वौबन द्वारा विकसित सैन्य वास्तुकार की सहायता से एक मजबूत, सुरक्षित और सुंदर किले का निर्माण करवाया

इस किले के बारे में यह भी कहा जाता है कि किले के निर्माण के समय इन्हीं गड्ढों के पानी को उपयोग में लिया जाता था इस किले के निर्माण में लगभग 7 साल लगे किले का निर्माण सन 1785 में शुरू और 1792 में खत्म हुआ इस किले को एक स्टार का आकार दिया गया है जो की बेहद ही सुंदर दिखाई देता है

मंजराबाद किले की वास्तुकला (Architecture of Manjarabad Fort):-

Manjarabad Fort
Manjarabad Fort

मंजराबाद किला भारत में कर्नाटक के हासन जिले में स्थित है जो कि बेहद ही प्राचीन और प्रसिद्ध किलो में से एक माना जाता है यह कि एक स्टार के आकार का बना हुआ है जो कि 3,240 फीट की ऊंचाई पर स्थित है

यह किला फेमस फ्रांसीसी वास्तुकार सेबेस्टियन ले प्रेस्ट्रे डी वौबन द्वारा निर्मित है जो कि असामान्य अष्टकोणीय 8 दीवारों के साथ बनाया गया है जिसे बनाने में मिट्टी और ग्रेनाइट ब्लॉकों का उपयोग किया गया है

और यह ऐतिहासिक किला प्रसिद्ध वास्तुकला से निर्मित है इस किले का निर्माण टीपू सुल्तान ने अपनी सेना की सुरक्षा के लिए किया था और जब निर्माण के पश्चात उन्होंने किले का निरीक्षण किया तो पाया कि किला कोहरा में छिपा हुआ है

Manjarabad Fort
Manjarabad Fort

इसी कारण इस किले का नाम मंजराबाद किला रखा गया, जिसमें मंजरा शब्द “मंजू” से लिया गया है और “मंजू” शब्द का अर्थ कन्नड़ में कोहरे से है

किले में कई कक्ष भी मौजूद है जिससे अस्तबल, रसोईघर और बाथरूम के रूप में उपयोग में लिया जाता है इस किले में आपको एक सुरंग भी देखने को मिलेगी जो कि श्रीरंगपटना की ओर जाती है

कुछ समय पश्चात इस सुरंग का उपयोग मृत शरीरों को दफनाने में किया जाता था मंजराबाद किले की दीवारें बेहद ही मजबूत है जिसकी ऊंचाई करीब 1000 मीटर की है

मंजराबाद किले के आसपास पर्यटक स्थल (Tourist place around of Manjarabad Fort):-

Manjarabad Fort
Manjarabad Fort

अगर आप मंजराबाद किले में घूमने का प्लान बना रहे है तो आप को बता दे की भारत के कर्नाटक राज्य में मंजराबाद किले के अलावा भी कई प्रसिद लोकप्रिय पर्यटक स्थल है जो किले के नजदीक ही स्थित है जो बेहत ही प्रसिद भी माने जाते है जहाँ आप को कर्नाटक की यात्रा के दोरान अवश्य जाना चाहिए।

  • सेंट फिलोमेना चर्च
  • तालकाड़ मंदिर
  • बाइलाकुप्पे मंदिर
  • बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
  • रंगनाथिट्टू पक्षी अभयारण्य कर्नाटक
  • चिड़ियाघर
  • करणजी झील
  • सिद्धि हनुमान मंदिर
  • चामुंडी हिल्स नंदी
  • रेल संग्रहालय मैसूर
  • बृंदावन गार्डन
  • कृष्णा राजा सागर डैम
  • शिवानासमुद्र फॉल्स
  • चामुंडेश्वरी मंदिर
  • ललिता महल
  • जय लक्ष्मी विलास हवेली
  • जगनमोहन पैलेस
  • मेलुकोटे मंदिर
  • कर्नाटक के पास बीदर
  • कर्नाटक के पास मुरुदेश्वर
  • मंगलुरु
  • उडुपी
  • गोकर्ण
  • बेंगलुरु शहर
  • मैसूर पैलेस

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मंजराबाद किले में घुमने का सही समय, खुलने का समय और प्रवेश शुल्क :-

Manjarabad Fort
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घुमने का सही समय 

अगर आप मंजराबाद किले में घूमने जाने का विचार बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि वैसे तो साल में आप कभी भी जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से जून तक के महीने में ना जाए क्योंकि इन महीनों में गर्मी बहुत पड़ती है और तापमान अधिक डिग्री तक पहुँच जाता है  इसलिए आप सितम्बर से लेकर मार्च तक के महीनों में वहां घूमने जा सकते हैं इस समय मौसम ठंडा रहता है और मंजराबाद फोर्ट बेहत खुबसूरत लगता है। और इस समय आप मंजराबाद किले के अलावा भी मध्य प्रदेश के ओर भी प्रसिद स्थल घूम सकते है।

खुलने का समय :-

मंजराबाद किला सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है।

प्रवेश शुल्क :-

भारतीयों के लिए    5-10 ₹
    विदेशियों के लिए   100-110 ₹

मंजराबाद किले तक केसे पहुंचे (How to reach Manjarabad Fort) :-

ट्रेन से मंजराबाद किले तक केसे पहुंचे :-

अगर आप ट्रेन से जाने की सोच रहे हैं तो आप को बता दे की सकलेशपुर रेलवे स्टेशन मंजराबाद किले के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है रलवे स्टेशन से आप बस या टेक्सी ले सकते है और किले तक पहुच सकते है।

फ्लाइट से मंजराबाद किले तक केसे पहुंचे :-

अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो बता दे की बेंगलुरु हवाई अड्डा मंजराबाद किले के सबसे नजदीक हवाई अड्डा है और ये सभी भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़े हुए है हवाई अड्डे से आप बस या टेक्सी की मदद से किले तक पहुंच सकते है।

सड़क मार्ग से मंजराबाद किले तक केसे पहुंचे :-

अगर आप सड़क मार्ग के रास्ते से जाना चाहते हैं तो आप खुद के साधन से भी जा सकते हैं यह कर्नाटक का हासन जिला सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है और सभी शहरों में चलने वाली सार्वजनिक बसे भी आपको हासन जिला या मंजराबाद किले तक पहुंचा सकती हैं।

मंजराबाद किले तक पहुंचने का मेप :-

सवाल जवाब (Question Answer) :-

मंजराबाद किले कहां स्थित है?

भारत में कर्नाटक के हासन जिले में स्थित है।

मंजराबाद किले का निर्माण किसने किया?

टीपू सुल्तान ने।

मंजराबाद किले की स्थापना कब हुई?

किले की स्थापना 18 वी शताब्दी में सन 1785-1792 के मध्य में हुई।

मंजराबाद किला प्रेरकों के लिए कितने बजे खुलता और बंद होता है?

सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम को 5:00 बजे तक खुला रहता है।

मंजराबाद किला क्यों फेमस है?

मंजराबाद किला अपनी विशिष्ट तारा नुमा आकृति कारण काफी फेमस है।

सबसे महत्वपूर्ण बाते (Most important topic) :-

दोस्तों की ऐतिहासिक इमारतों महलों और पर्यटक स्थलों पर यात्रा अवधि टिकट के पैसे जैसे छोटी चीजें बदलती रहती है।

यदि अगर आप को इनके बारे में पता है तो आप कमेंट में जरूर लिखें हम आपके द्वारा दी गई जानकारी जल्द ही अपडेट कर देंगे और यदि इस पोस्ट में हमसे कोई गलती हो गई है तो वह जरूर बताएं।

धन्यवाद

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